Uttarkashi Tanal
Uttarkashi Rescue Operation: उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए जैसे-जैसे मुख्य सुरंग से दिक्कतें बढ़ रही थीं, वैसे ही बचाव कार्य में जुटी एजेंसियों ने दूसरे विकल्पों पर भी तेजी से काम शुरू कर दिया था। इसमें सबसे नया विकल्प मुख्य सुरंग के दाएं छोर से ही 60 मीटर की ड्रिफ्ट टनल बनाने का रखा गया।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए धीरे- धीरे परेशानियां बढ़ती ही जा रही थी. सुत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अब मैनुअली ही मलबा हटाने का काम किया जाएगा. ऑगर मशीन के सामने लोहे जैसी कई कोई चीज दुबारा आने के बाद मशीन से ड्रिलिंग का काम रोकने का फैसला लिया गया है. आगे की जानकारी के लिेए बता दें कि शुक्रवार की रात को रेस्क्यू नहीं हो पाएगा.
जीपीआर सर्वेक्षण टीम के सदस्य बी चेंदूर ने कहा कि, “हमें इसलिए बुलाया गया क्योंकि बरमा मशीन में कुछ फंस गया था। जीपीआर हमें यह जानने में मदद करता है कि धातु की वस्तु कितनी दूर है. जीपीआर मूल रूप से स्कैन करता है, इसलिए जीपीआर चलाने के लिए दो लोगों की आवश्यकता होती है और दूसरा डेटा हासिल करने के लिए.”
जीपीआर सर्वेक्षण टीम के सदस्य भरत सिंह ने बताया कि, “हमें यहां भूभौतिकीय जांच के लिए बुलाया गया है. हमें ऊर्ध्वाधर ड्रिलिंग पर ईआरआई परीक्षण करने के लिए बुलाया गया है. जीपीआर ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार है यह एक ग्राउंड स्कैनिंग मशीन है .हमें धातु की वस्तुओं, चट्टानों और कठोर शिलाखंडों के बारे में पता चलता है.”
आज सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक युवक…
हरियाणा में एडीजीपी (2001 बैच के आईपीएस अधिकारी) वाई पूरन कुमार की मौत के पांच…
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में अब एक महीने से भी कम समय बचा…
मध्य प्रदेश कैडर के 2019 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ. नागार्जुन बी. गौड़ा एक बड़े…
IND-W Vs PAK-W: कोलंबो के मैदान में भारत ने फिर पाकिस्तान को रौंद डाला! महिला…
Aaj Ka Rashifal: सोमवार, 6 अक्टूबर का दिन सभी राशियों के लिए कुछ नई चुनौतियाँ…
This website uses cookies.