देश

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: चर्चाओं में कितना ‘बटेंगे तो कटेंगे’, तलाशी विवाद पर कहा पहुंचा सियासी पारा?

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सियासी माहौल इन दिनों काफी गर्मा गया है, जिसमें आरोप-प्रत्यारोप और विवादों का सिलसिला तेज हो गया है. खासकर तलाशी विवाद और भाजपा के नारे के इर्द-गिर्द जो कुछ घटनाएं हुई हैं, उन्होंने राज्य की राजनीति को और भी जटिल बना दिया है. आइए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के प्रचार- प्रसार के दौरान अब तक राजनीतिक पारा कितना गरम है जानते हैं.

तलाशी विवाद:
तलाशी का मुद्दा महाराष्ट्र में गर्माया हुआ है, खासकर जब शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे के बैग की तलाशी ली गई. इसके बाद ठाकरे ने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाते हुए सवाल उठाया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बैग भी चेक किया जाएगा. बाद में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के बैग की भी तलाशी ली गई, जिससे मामला और तूल पकड़ गया. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का बैग भी चेक किया गया और यह भी चर्चा का विषय बना. इसके बाद अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी का भी बैग चेक किया गया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति उत्पन्न कर दी है. जिसके बाद कांग्रेस नेता लगातार सवाल उठा रहे हैं.

योगी आदित्यनाथ का नारा:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का “बटेंगे तो कटेंगे” वाला नारा हरियाणा चुनाव में खूब चर्चित हुआ था. भाजपा के लिए यह नारा एक तरह से जीत की उम्मीद बनकर सामने आया था, लेकिन महाराष्ट्र में भाजपा ने अब इस नारे से किनारा कर लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा “एक है तो सेफ है” नारे का प्रचार किया जा रहा है, जो भाजपा के लिए ज्यादा उपयुक्त और एकजुटता को दर्शाने वाला प्रतीत हो रहा है. इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी स्पष्ट किया कि भाजपा का नारा “एक है तो सेफ है”, न कि “बटेंगे तो कटेंगे”.

क्या कहता है राहुल गांधी का ये पोस्ट?

राजनीतिक पारा:
महाराष्ट्र में चुनावी मुकाबला बेहद कड़ा है. विभिन्न पार्टियों के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. तलाशी विवाद और नारेबाजी से यह स्थिति और भी तल्ख हो गई है. विपक्षी पार्टियां भाजपा की चुनावी रणनीति पर सवाल उठा रही हैं, जबकि भाजपा ने खुद को एकजुटता और सुरक्षा का संदेश देने की कोशिश की है. महाराष्ट्र में चुनावी माहौल काफी सख्त और संवेदनशील हो गया है, जहां छोटी-छोटी घटनाएं भी बड़ी राजनीतिक बहस का रूप ले रही हैं. तलाशी विवाद और भाजपा के नारे के बदलाव के साथ, चुनावी मैदान में पार्टियां अपनी रणनीतियों को लगातार बदल रही हैं.

Sagar Dwivedi

Recent Posts

RCB IPL Trophy: 14 साल वनवास राम का था, 17 साल तपस्या RCB की थी – अंत में दोनों को मिला राज्य!

RCB IPL Trophy: जब विराट कोहली ने ट्रॉफी उठाई, वो सिर्फ एक खिताब नहीं था…

2 weeks ago

Manohar Dhakad Arrested: एक्सप्रेस-वे पर महिला के साथ सेक्स करने वाला भाजपा नेता ‘धाकड़’ गिरफ्तार, VIDEO…

Manohar Dhakad Arrested: मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में दिल्ली-मुंबई आठ लेन एक्सप्रेस-वे पर महिला के…

3 weeks ago

भारत में iPhone बनाओगे तो चुकाओगे टैक्स: ट्रंप की Apple को खुली धमकी

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर Apple कंपनी पर दबाव बनाते हुए…

3 weeks ago

आपका ख़ून सिर्फ़ कैमरों के सामने ही क्यों गरम होता है? PM MODI पर राहुल का प्रहार

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पाकिस्तान के मुद्दे को लेकर तीखा…

3 weeks ago

This website uses cookies.