Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के करीब आते ही, एक बार फिर से योगी आदित्यनाथ का “बटेंगे तो कटेंगे” नारा चर्चा में है. यह नारा पहले हरियाणा चुनाव में भाजपा के लिए एक तरह से चुनावी जीत का मंत्र बन गया था, लेकिन अब महाराष्ट्र में भाजपा ने इससे खुद को अलग कर लिया है. इस नारे को लेकर भाजपा के भीतर ही विभाजन के संकेत मिल रहे हैं, और अब इस पर अलग-अलग नेताओं के बयान आ रहे हैं.
योगी आदित्यनाथ का नारा “बटेंगे तो कटेंगे” और भाजपा का रुख:
योगी आदित्यनाथ का नारा “बटेंगे तो कटेंगे” हरियाणा में चुनावी माहौल को गरमाने में सफल रहा था. इस नारे को भाजपा ने हरियाणा चुनाव में एक कड़ा संदेश देने के रूप में प्रचारित किया था, जिसमें पार्टी ने विपक्षी दलों को सीधे तौर पर चुनौती दी थी. लेकिन अब जब वही नारा महाराष्ट्र में उछाला गया, तो भाजपा ने इससे किनारा करना शुरू कर दिया है.
अजीत पवार का बयान:
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने पहले ही साफ कर दिया था कि यह नारा महाराष्ट्र में काम नहीं करेगा. उन्होंने कहा था कि यह नारा महाराष्ट्र में लागू नहीं होगा और इसे हरियाणा या उत्तर प्रदेश में ही इस्तेमाल किया जा सकता है. अजीत पवार का यह बयान इस बात का संकेत था कि भाजपा के महाराष्ट्र नेतृत्व और उनके अपने गठबंधन सहयोगियों के बीच कुछ असहमति हो सकती है.
केशव प्रसाद मौर्या का बयान:
अब उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने भी इस नारे से खुद को और अपनी पार्टी को अलग कर लिया है. मौर्या ने कहा कि भाजपा का एकमात्र नारा “एक है तो सेफ है” है, और उनका यह मानना है कि यही नारा महाराष्ट्र के चुनाव में प्रभावी होगा. इस बयान के बाद भाजपा में यह सवाल उठने लगा है कि क्या योगी आदित्यनाथ का नारा अब पार्टी के लिए फायदेमंद नहीं है, और क्या पार्टी ने इसे लेकर अपने दृष्टिकोण में बदलाव किया है.
पीएम मोदी का “एक है तो सेफ है” नारा:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी महाराष्ट्र चुनावी रैलियों में “एक है तो सेफ है” नारे का उल्लेख किया. यह नारा भाजपा द्वारा महाराष्ट्र में एकजुटता और सुरक्षा के संदेश के रूप में प्रचारित किया जा रहा है. पीएम मोदी का यह नारा भी उन ताकतों को निशाना बना रहा है जो भाजपा के खिलाफ एकजुट होने की कोशिश कर रही हैं. भाजपा के अन्य नेताओं ने इस नारे को अपनाया और इसे अपनी चुनावी रणनीति का हिस्सा बना लिया.
भाजपा के भीतर की स्थिति:
इस बदलाव के साथ ही भाजपा के भीतर एक दिलचस्प राजनीतिक स्थिति बन रही है. एक तरफ उत्तर प्रदेश के नेता और पीएम मोदी का “एक है तो सेफ है” नारा है, वहीं दूसरी तरफ योगी आदित्यनाथ का नारा “बटेंगे तो कटेंगे” जो अब विवाद का कारण बन चुका है. भाजपा के कुछ नेताओं का कहना है कि योगी का नारा हरियाणा में सफल हुआ था, लेकिन महाराष्ट्र में राजनीतिक स्थिति और सामाजिक समीकरण अलग हैं, इसलिए यह नारा यहां काम नहीं करेगा.
महाराष्ट्र में चुनावी मुकाबला:
महाराष्ट्र में चुनावी स्थिति पहले से ही काफी चुनौतीपूर्ण है. भाजपा को इस बार अपने गठबंधन के साथ-साथ विपक्षी दलों से भी मुकाबला करना है। यहां शिवसेना (उद्धव गुट), राकांपा और कांग्रेस जैसे मजबूत विपक्षी दल हैं, जो भाजपा को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. ऐसे में भाजपा को अपनी चुनावी रणनीतियों को लेकर अधिक सावधानी बरतनी होगी, ताकि वह विरोधियों से एक कदम आगे रह सके.