Lok sabha chunav: लोकसभा चुनाव के किए कांग्रेस ने 5 अप्रैल शुक्रवार को अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. इस घोषणा पत्र में 5 न्याय और 25 गारंटियों पर फोकस किया गया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने इस घोषणापत्र को जारी किया. कांग्रेस ने ‘न्याय पत्र’ नाम से इस घोषणापत्र को जारी किया है. अपने मेनिफेस्टो में कांग्रेस ने कई तरह की गारंटियां शामिल की हैं. इसमें युवाओं, महिलाओं, किसानों और मजदूरों पर खआस फोकस किया गया है.
कांग्रेस अध्यक्ष श्री @kharge, CPP चेयरपर्सन श्रीमती सोनिया गांधी जी, पूर्व अध्यक्ष श्री @RahulGandhi, मैनिफेस्टो समिति अध्यक्ष श्री @PChidambaram_IN और कांग्रेस महासचिव (संगठन) श्री @kcvenugopalmp ने लोकसभा चुनाव, 2024 के लिए कांग्रेस का 'न्याय पत्र' लॉन्च किया।… pic.twitter.com/FIDauJzS8a
— Congress (@INCIndia) April 5, 2024
कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि पार्टी जातियों और उपजातियों और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थितियों की गणना करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना आयोजित करेगी और आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा बढ़ाने के लिए एक संवैधानिक संशोधन पारित करेगी. एससी, एसटी और ओबीसी.
कांग्रेस के घोषणापत्र पर पार्टी सांसद पी. चिदंबरम ने कहा कि “मैंने हमेशा बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया है और कहा है कि मोदी सरकार अमीरों की, अमीरों द्वारा और अमीरों के लिए सरकार है. यह सरकार केवल शीर्ष के हितों से प्रेरित है.” इस देश का 1% लेकिन हमें नीचे के 50% को भी देखना होगा जो उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितने कि संपन्न लोग. यह अनुमान लगाया गया है कि इस देश में 23 करोड़ लोग अभी भी गरीब हैं लोगों को गरीबी से बाहर निकाला जाएगा और हम वादा करते हैं कि अगर कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार 2024 में सत्ता में आती है, तो हम अगले 10 वर्षों में 23 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालेंगे.”
कांग्रेस ने घोषणा पत्र में 25 गांरटी
कांग्रेस पार्टी ने घोषणापत्र में कहा कि कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि प्रत्येक नागरिक की तरह, अल्पसंख्यकों को भी पोशाक, भोजन, भाषा और व्यक्तिगत कानूनों की पसंद की स्वतंत्रता हो. हम व्यक्तिगत कानूनों में सुधार को प्रोत्साहित करेंगे. कांग्रेस का कहना है कि ऐसा सुधार संबंधित समुदायों की भागीदारी और सहमति से किया जाना चाहिए.
कांग्रेस पार्टी ने घोषणापत्र में कहा कि हम सरकारी परीक्षाओं और सरकारी पदों के लिए आवेदन शुल्क खत्म कर देंगे. व्यापक बेरोजगारी के कारण, राहत के एकमुश्त उपाय के रूप में, सभी छात्र शैक्षिक ऋणों के संबंध में 15 मार्च 2024 तक अवैतनिक ब्याज सहित देय राशि को माफ कर दिया जाएगा और बैंकों को सरकार द्वारा मुआवजा दिया जाएगा.