Pokhran Bharat Shakti : नई दिल्ली, भारत की तीनों सेनाओं के स्वदेशी हथियारों की क्षमता का प्रदर्शन 12 मार्च को राजस्थान के पोखरण में ‘भारत शक्ति’ के रूप में होगा. तीनों सेनाएं लगभग 50 मिनट तक युद्धाभ्यास करके भारत में निर्मित हथियारों का लाइव प्रदर्शन करेंगी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी तीनों सेनाओं के लाइव फायर और युद्धाभ्यास के रूप में स्वदेशी रक्षा क्षमताओं का एक समन्वित प्रदर्शन ‘भारत शक्ति’ देखेंगे.
इस अभ्यास के दौरान भारत में निर्मित हथियार प्रणालियां, अर्जुन टैंक, धनुष होवित्जर, तेजस लड़ाकू विमान और एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन करेंगे. रक्षा क्षेत्र में भारत की ‘आत्मनिर्भरता’ के इस प्रदर्शन को देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे भी होंगे. अभी तक इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के शामिल होने की आधिकारिक सूचना नहीं थी लेकिन रविवार को पीएमओ ने पुष्टि कर दी है कि वह राजस्थान के पोखरण में त्रि-सेवा लाइव फायर और युद्धाभ्यास के रूप में स्वदेशी रक्षा क्षमताओं का एक समन्वित प्रदर्शन ‘भारत शक्ति’ देखेंगे.
भारतीय नौसेना के मार्कोस और भारतीय वायु सेना के गरुड़ कमांडो घुसपैठ का ऑपरेशन करेंगे, जबकि युद्ध के मैदान की निगरानी दूर से संचालित विमान और ड्रोन के जरिये की जाएगी. इसके बाद लंबी दूरी के हथियारों और आर्टिलरी गन से लक्ष्यों पर सटीक निशाना लगाकर उन्हें नष्ट किये जाने का प्रदर्शन होगा। प्रदर्शित किए जाने वाले महत्वपूर्ण उपकरणों में के-9 वज्र सेल्फ प्रोपेल्ड हॉवित्जर, रोबोटिक म्यूल्स, मोबाइल एयर डिफेंस सिस्टम, इंटीग्रेटेड ड्रोन डिटेक्शन एंड न्यूट्रलाइजेशन सिस्टम, सर्वत्र ब्रिजिंग सिस्टम, माइनफील्ड प्लॉ, आकाश एयर डिफेंस सिस्टम और एके-203 असॉल्ट राइफलें शामिल हैं. स्थिर प्रदर्शन में हथियार का पता लगाने वाले रडार स्वाति और ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली भी होगी.
अभ्यास के दौरान भारत में निर्मित पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर, अर्जुन टैंक, धनुष होवित्जर, तेजस लड़ाकू विमान और एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर के विभिन्न संस्करण अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन करेंगे. वायु सेना रणनीतिक लक्ष्यों को गहराई से भेदने, जबकि नौसेना रणनीतिक प्रभाव के लिए समुद्री संचालन का प्रदर्शन करेगी. साथ ही किसी स्थान पर कब्जा करने के लिए सेना की सामरिक कार्रवाई की जाएगी, जिसके बाद वायु रक्षा हथियारों और काउंटर ड्रोनों का उपयोग करके दुश्मन वायु सेना पर हमला किया जाएगा. उन्होंने बताया कि यह अभ्यास उच्च तालमेल, बहु-सेवा, बहु-डोमेन क्षमता प्रदर्शित करेगा, जिससे अंतर-सेवा तालमेल प्रदर्शित होगा.