Source: Social Media
South Korea: दक्षिण कोरिया के मुआन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रविवार सुबह हुए विमान हादसे में 177 लोगों की जान चली गई, जबकि दो अन्य को मृत मान लिया गया है। कुल 181 यात्रियों में से बचाए गए दो लोगों को छोड़कर बाकी सभी के मारे जाने की आशंका है।
यह हादसा देश के दक्षिणी जिओला प्रांत में हुआ। द कोरिया टाइम्स के अनुसार, जेजू एयर की उड़ान में 173 कोरियाई यात्री, दो थाई नागरिक और चालक दल के छह सदस्य सवार थे। यह विमान (बोइंग 737-800) बैंकॉक (थाईलैंड) से दोपहर 1:30 बजे रवाना हुआ था और सुबह 8:30 बजे मुआन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने वाला था।
कैसे हुआ हादसा?
विमान उतरने का प्रयास कर रहा था, लेकिन पहली कोशिश में असफल रहा। इसके बाद विमान ने दोबारा हवाई अड्डे का चक्कर लगाया। दूसरी बार उतरने की कोशिश में विमान रनवे पर फिसलते हुए दीवार से टकरा गया। टक्कर के बाद विमान में आग लग गई और सुबह 9:03 बजे धुएं और आग की लपटें उठने लगीं। दुर्घटना के 43 मिनट बाद आग पर काबू पाया जा सका। राहत एवं बचाव अधिकारियों ने बताया कि विमान का पिछला हिस्सा सलामत है, लेकिन बाकी हिस्सा पूरी तरह जलकर राख हो गया।
इतिहास की भीषण दुर्घटना
यह हादसा 1997 में गुआम में हुए कोरियाई विमान हादसे के बाद सबसे घातक माना जा रहा है। उस दुर्घटना में 228 लोग मारे गए थे।
चेतावनी और प्रारंभिक जांच
विमानन परिवहन मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि नियंत्रण टॉवर ने संभावित पक्षी टकराव की चेतावनी दी थी। चेतावनी के एक मिनट बाद पायलट ने संदेश भेजा, और इसके पांच मिनट बाद विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जांच दल ने उड़ान डेटा रिकॉर्डर (ब्लैक बॉक्स) बरामद कर लिया है।
सरकारी प्रतिक्रिया
कार्यवाहक राष्ट्रपति और उपप्रधानमंत्री चोई सांग-मोक ने दुर्घटनास्थल का दौरा किया और मुआन को विशेष आपदा क्षेत्र घोषित किया। उन्होंने पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता देने का वादा किया और गहरी संवेदना प्रकट की।
एयरलाइन का बयान
जेजू एयर के सीईओ किम ई-बे ने सियोल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में हादसे पर खेद व्यक्त किया और सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। जब दुर्घटना के कारण के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “पक्षी टकराने की आशंका है, लेकिन हम निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकते। हमें जांच एजेंसियों की आधिकारिक रिपोर्ट का इंतजार करना होगा।”
नई सेवा में हादसा
जेजू एयर ने बैंकॉक मार्ग पर हाल ही में परिचालन शुरू किया था। यह सेवा 8 दिसंबर को शुरू हुई थी, और हादसे के समय यह मार्ग पर केवल एक महीने से भी कम समय से संचालित हो रहा था।
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