Deep Fake: गांव, जो संस्कारों से आज भी भरा है अब जरा सोचिए ऐसे में AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) ने दस्तक दे दिया है, जहां किसी की भी बहन, माँ, वाइफ या किसी की तस्वीर को कोई कहीं यूज कर गंदी वीडियो में लगा ले रहा है ऐसे में उसका पूरा परिवार सदमे में आ जाता है या उसके घर में विवाद जैसे समस्या आ जाती है.
क्या है डीप फेक?
डीप फेक (Deepfake) एक ऐसी तकनीक है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग का उपयोग करके किसी व्यक्ति की आवाज, चेहरे और हाव-भाव को किसी अन्य व्यक्ति के वीडियो या ऑडियो में बदल देती है. इसका मुख्य आधार डीप लर्निंग एल्गोरिदम होता है, जिसमें जेनरेटिव एडवर्सेरियल नेटवर्क्स (GANs) का इस्तेमाल किया जाता है.
हाल ही में इस टेक्नोलॉजी का लोग गलत फायदा उठा रहे हैं आजकल सोशल मीडिया पर कई तस्वीर ऐसी वायरल हो रही है जहां अपने देखा होगा कि किसी का चेहरा कहीं पर भी इस्तेमाल किया जा रहा है जैसे कि बता दें कि कई सेलेब्स या क्रिकेटर का फेस लगाकर कहीं पर गलत तरीके से दिखाया जा रहा है जो एकदम से गलत है कुछ लोग तो भरोसा भी कर ले रहे हैं लेकिन ये अफवाह है.
बता दें कि AI के द्वारा कई लोगों का वीडियो पर फोटो सोशल मीडिया पर गलत तरीके से दिखाया गया है जहां लोग पहचान नहीं पा रहे है कि नकली है या असली ऐसे में ये केस आपके साथ भी हो सकता है. अगर आपका बच्चा या बच्ची अगर आपसे बोले कि ये तस्वीर या वीडियो मेरी नहीं है तो उनकी बात को मान लेना ना कि उनको मारना है. ऐसे में अगर आपसे कोई पैसे मांगे या आपको ब्लैकमेल करने की कोशिश करे तो और नजदीकी पुलिस स्टेशन पर जाकर रिपोर्ट दर्ज कराए अथवा 1930 पर शिकायत दर्ज कराए.
हम एआई के जमाने में जी रहे हैं डीप फेक से कुछ भी हो सकता है कल को अगर आपका बच्चा या बच्ची कोई भी बोले ये तस्वीर या वीडियो मेरी तरह दिख रही है लेकिन मेरी नहीं है तो आपको उसको मारना पीटना नहीं है.
क्योंकि अब हम उस दौर में जी रहे है जिसमे सिर्फ इतना कहना है की ये फोटो को ऐसा कर दो जिससे हम धमका सके या किसी से पैसे माग सके तो एआई तुरंत उसकी गंदी तस्वीर और वीडियो बना देता है और हम क्या कोई नहीं पहचान पता कि ये नकली फोटो है और ये किसी के साथ हो सकता है. ऐसे में कल को कोई आपका बच्चा या बच्ची कहे तो उसको मारे ना बल्कि शिकायत करें.