जापान की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने अचानक अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला लिया है. यह कदम उन्होंने सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) में विभाजन रोकने और बढ़ते दबाव को देखते हुए उठाया. जापानी पब्लिक ब्रॉडकास्टर एनएचके के मुताबिक, इशिबा रविवार को इस्तीफा देंगे और इस फैसले की आधिकारिक घोषणा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में करेंगे, जो शाम 6 बजे (IST) होगी.
दरअसल, जुलाई में हुए संसदीय चुनावों में एलडीपी और उसके सहयोगी कोमीतो को करारी हार का सामना करना पड़ा था. इसी हार के बाद से इशिबा की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठने लगे और पार्टी में उनके खिलाफ असंतोष गहराता गया. लगातार बढ़ती मांगों के बीच आखिरकार उन्होंने पद छोड़ने का एलान किया.
चुनावी हार के बाद बढ़ा दबाव
एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इशिबा से पार्टी नेता लगातार इस्तीफे की मांग कर रहे थे. जुलाई के चुनाव में उनकी पार्टी एलडीपी और सहयोगी कोमीतो निचले सदन में बहुमत खो बैठे. यही नहीं, ऊपरी सदन में भी गठबंधन का वर्चस्व खत्म हो गया. इस हार के बाद इशिबा से उम्मीद की जा रही थी कि वे जिम्मेदारी लेंगे.
लीडरशिप इलेक्शन से बचने की कोशिश
इशिबा का इस्तीफा ऐसे समय में आया है, जब सोमवार को पार्टी यह तय करने वाली थी कि जल्दी नेतृत्व चुनाव कराए जाएं या नहीं. अगर ऐसा होता, तो यह उनके खिलाफ वर्चुअल “नो कॉन्फिडेंस मोशन” माना जाता. इस्तीफा देकर उन्होंने इस स्थिति से खुद को अलग कर लिया.
इशिबा का कार्यकाल और विरोध
शिगेरु इशिबा अक्टूबर में प्रधानमंत्री बने थे. हालांकि, सत्ता संभालने के बाद से ही उन्हें पार्टी के दाएं विंग के नेताओं से विरोध झेलना पड़ा. बीते एक महीने से इशिबा ने हर तरह के दबाव का सामना किया, लेकिन अब जाकर उन्होंने पद छोड़ने का ऐलान किया.
जापान की राजनीति में संकट
इस इस्तीफे के साथ ही जापान की राजनीति में एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है. अब एलडीपी को नया नेता चुनना होगा, जो देश का अगला प्रधानमंत्री बनेगा. चुनावी हार और आंतरिक कलह ने एलडीपी के भविष्य को अनिश्चित कर दिया है.