बेगम समरू यानी चांदनी चौक की तवायफ पर मुगल और अंग्रेज फिदा थे.
हुकूमत
वह उस जमाने की सबसे ताकतवर महिला थीं. बेगम समरू में 48 साल तक हुकूमत चलाई.
मुगलों की जान बचाई
ऐसा भी दौर आया था जब समरू ने अपनी सेना भेजकर मुगलों की जान बचाई थी.
समरू का असली नाम
बेगम समरू का असली नाम फरजाना था, वह 1767 में चांदनी चौक के रेड लाइट इलाके में बने कोठे पर नाचा करती थी.
फरजाना ने हथियार चलाना सीखा
ऑस्ट्रेलिया से आया अंग्रेज वाल्टर रेनहार्ट को ने जब समरू को नाचते देखा तो उसे अपने साथ लाया. तवायफों के बीच बचपन गुजरने वाली फरजाना ने हथियार चलाना सीख लिया.
रेनहार्ट ने नही थी शादी
तकरीबन 10 वर्षों में फरजाना से सब सीख लिया, रेनहार्ट शादीशुदा था इसलिए उसने समरू से शादी नहीं की.
ईसाई धर्म कबूल
बेगम समरू की खूबसूरती पर मुगल बादशाह भी फिदा थे. जिंदगी के अंतिम दौर में समरू ने ईसाई धर्म कबूल कर लिया.
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