Gulzar Sher: सहमा सहमा डरा सा रहता है, जाने क्यूँ जी भरा सा रहता है…गुलज़ार के बेस्ट शेर


जुस्तुजू

अपने माज़ी की जुस्तुजू में बहार, पीले पत्ते तलाश करती है.

डर

सहमा सहमा डरा सा रहता है, जाने क्यूँ जी भरा सा रहता है.

एहसाँ

दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई, जैसे एहसाँ उतारता है कोई.

चीज़

ज़िंदगी पर भी कोई ज़ोर नहीं, दिल ने हर चीज़ पराई दी है.

ख़ुदा

उसी का ईमाँ बदल गया है, कभी जो मेरा ख़ुदा रहा था.

औरों

आप ने औरों से कहा सब कुछ, हम से भी कुछ कभी कहीं कहते

दर्द

ज़ख़्म कहते हैं दिल का गहना है, दर्द दिल का लिबास होता है.

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