Punjab floods: पंजाब में इस बार मानसून भारी तबाही लेकर आया है। पिछले तीन हफ़्तों से जारी बाढ़ ने लाखों किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। खेतों में खड़ी फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं और कई जगहों पर पानी के साथ-साथ रेत और गाद भी जमा हो गई है। राज्य सरकार ने अब इस मुश्किल घड़ी में किसानों को राहत देने के लिए बड़ा कदम उठाया है।
सोमवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया कि बाढ़ से प्रभावित किसानों को 20,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाएगा। खास बात यह है कि मुख्यमंत्री मान खुद इस समय अस्पताल में भर्ती हैं और वहीं से सोशल मीडिया के ज़रिए उन्होंने यह घोषणा की। दरअसल, उन्हें कुछ दिन पहले बैक्टीरिया इंफेक्शन हो गया था, जिसके चलते उन्हें 5 सितंबर को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
पंजाब सरकार के आँकड़ों के मुताबिक, अब तक करीब 4.30 लाख एकड़ कृषि भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई है। इतना ही नहीं, फसलों का नुकसान इतना बड़ा है कि कई परिवारों के सामने रोज़ी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। सामान्य तौर पर आपदा प्रबंधन नियमों के अनुसार, किसानों को फसल नुकसान पर 6,800 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा मिलता है। हालांकि, राज्यों ने पिछले कई वर्षों से इसमें 8,200 रुपये अतिरिक्त जोड़कर किसानों को राहत दी है। इस बार आप सरकार ने इस अतिरिक्त हिस्से को बढ़ाकर 13,200 रुपये प्रति एकड़ कर दिया है। यानी अब किसानों को कुल 20,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा मिलेगा।
कैबिनेट बैठक में एक और अहम फैसला लिया गया। सरकार ने “जिसदा खेत उसकी रेत” नाम की नई योजना शुरू करने का ऐलान किया है। इस योजना के तहत, जिन किसानों के खेतों में बाढ़ का पानी उतरने के बाद रेत और गाद जम गई है, उन्हें इसे निकालने की अनुमति दी जाएगी। किसान चाहें तो इस रेत को बेच सकते हैं या अपने काम में इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे उन्हें आर्थिक मदद भी मिलेगी और खेतों को दोबारा खेती लायक बनाने में भी आसानी होगी।
पंजाब सरकार का मानना है कि इन दोनों फैसलों से बाढ़ प्रभावित किसानों को बड़ी राहत मिलेगी और वे अपने जीवन को दोबारा पटरी पर ला पाएंगे।