Bhagwant Mann action: पंजाब की जेलों में लंबे समय से चली आ रही गड़बड़ियों, भ्रष्टाचार और ड्रग्स नेटवर्क पर अब पंजाब सरकार ने सीधा और सख्त एक्शन लिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्पष्ट कर दिया है कि जेलें अपराधियों की मौज-मस्ती की जगह नहीं हैं, बल्कि अनुशासन और सुधार की जगह होंगी। इसी कड़ी में पंजाब की अलग-अलग जेलों में तैनात 25 जेल कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इनमें 3 डिप्टी सुपरिटेंडेंट, 2 असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट और अन्य कर्मचारी शामिल हैं।
सरकार की इस कार्रवाई का उद्देश्य साफ है, जेलों के भीतर मौजूद भ्रष्टाचार की जड़ को खत्म करना और वहां चल रहे ड्रग्स नेटवर्क को जड़ से उखाड़ फेंकना। जेलों से लगातार ऐसी शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ अधिकारी अपराधियों के साथ मिलकर नियमों की अनदेखी कर रहे हैं और जेल के भीतर से ही नशे का कारोबार चलाया जा रहा है।
इससे पहले मार्च में एक और बड़ा फैसला लेते हुए राज्य सरकार ने खतरनाक गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया को बठिंडा सेंट्रल जेल से असम की सिलचर जेल ट्रांसफर कर दिया था। भगवानपुरिया पर आरोप है कि वह जेल में रहकर भी ड्रग्स और गैंग चला रहा था। एनसीबी ने उसे NDPS एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था और उस पर 128 से ज्यादा केस दर्ज हैं। वह सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में भी मुख्य आरोपी है। भगवानपुरिया को पंजाब के सबसे खतरनाक गैंगस्टरों में से एक माना जाता है और उसके खिलाफ यूएपीए जैसे गंभीर कानूनों के तहत भी मामले दर्ज हैं।
सरकार का यह एक्शन दिखाता है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान अब जेल व्यवस्था को पूरी तरह पारदर्शी और जवाबदेह बनाना चाहते हैं। भ्रष्टाचार और ड्रग्स के खिलाफ यह ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति आने वाले समय में पंजाब की छवि सुधारने में बड़ा रोल निभाएगी। यह सख्ती न सिर्फ अधिकारियों को चेतावनी है, बल्कि पंजाब की आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और नशा-मुक्त भविष्य की दिशा में उठाया गया निर्णायक कदम है।