मणिपुर में मई 2023 से जातीय हिंसा की घटनाएं हो रही हैं, जिनमें मुख्य रूप से मेइती (Meitei) और कुकी (Kuki) समुदायों के बीच संघर्ष देखा गया है. इन घटनाओं में अब तक लगभग 250 लोगों की मृत्यु हो चुकी है और करीब 60,000 लोग बेदखल हुए हैं.
हिंसा के प्रमुख कारण:
अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribe) का दर्जा: मेइती समुदाय ने अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त करने की मांग की, जिसका कुकी समुदाय ने विरोध किया. कुकी समुदाय का मानना है कि इससे उनके विशेषाधिकारों पर असर पड़ेगा.
भूमि और आरक्षण से जुड़े विवाद: दोनों समुदायों के बीच भूमि स्वामित्व और सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर तनाव बढ़ा, जिससे संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हुई.
प्रमुख घटनाक्रम:
मई 2023: हिंसा की शुरुआत हुई, जिसमें कई लोगों की जान गई और हजारों लोग बेदखल हुए.
नवंबर 2024: जिरीबाम जिले में बंदूकधारियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें छह लोग बंधक बनाए गए और गोलीबारी हुई.
दिसंबर 2024: मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने हिंसा के लिए माफी मांगी और सामान्य स्थिति बहाल करने की अपील की.
जनवरी 2025: रिपोर्ट्स के अनुसार, मणिपुर में इंटरनेट बंदी के दौरान कुछ समूहों ने अवैध रूप से स्टारलिंक उपकरणों का उपयोग किया.
प्रभावित लोगों की स्थिति:
विस्थापित लोग अस्थायी शिविरों में कठिन परिस्थितियों में रह रहे हैं, जहां बुनियादी सुविधाओं की कमी है.
मणिपुर में जारी जातीय हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता के बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में राष्ट्रपति शासन लागू करने का प्रस्ताव पेश किया. यह प्रस्ताव 2 अप्रैल 2025 की देर रात लोकसभा में लगभग 2 बजे प्रस्तुत किया गया और चर्चा के बाद पारित हुआ. इसके बाद, राज्यसभा में भी यह प्रस्ताव 4 अप्रैल 2025 की तड़के लगभग 4 बजे पारित किया गया.
राष्ट्रपति शासन लगाने के कारण:
मुख्यमंत्री का इस्तीफा: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया था. इसके पश्चात, राज्यपाल ने विभिन्न दलों से चर्चा की, लेकिन किसी भी दल ने सरकार बनाने का दावा नहीं किया.
कानून-व्यवस्था की स्थिति: राज्य में पिछले कुछ समय से जातीय हिंसा हो रही थी, जिसमें कई लोगों की जान गई और हजारों लोग बेदखल हुए. हालांकि, गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बताया कि नवंबर 2024 से मार्च 2025 तक हिंसा की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है.
अमित शाह का संसद में बयान:
गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति शासन कानून-व्यवस्था की विफलता के कारण नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री के इस्तीफे और नई सरकार के गठन में असमर्थता के कारण लगाया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि सरकार मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए दोनों समुदायों के साथ बातचीत कर रही है.