Krishnanand Rai Murder Story: गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी का गुरुवार रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. शाम को अचानक उसकी तबीयत बिगड़ी, वह बेहोश हो गया. उसे इलाज के लिए बांदा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने कुछ देर बाद बताया कि हार्ट अटैक से मुख्तार की मौत हो गई. मुख्तार अंसारी का नाम भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में सामने आया था. कहा जाता है कि इस हत्याकांड से मुख्तार अंसारी के आपराधिक साम्राज्य की मुसीबतें शुरू हुई थीं. यह हत्याकांड 29 नवंबर 2005 को हुआ था.
कृष्णानंद राय का जब मर्डर हुआ था तब वह मुहम्मदाबाद विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक थे. वह यह चुनाव मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी को हरा कर जीते थे. इसी के चलते 29 नवंबर 2005 को कृष्णानंद राय की हत्या हो गई थी. उनकी हत्या तब हुई जब वह एक स्थानीय क्रिकेट मैच का उद्घाटन करके लौट रहे थे. तब उनके काफिले पर ऑटोमैटिक हथियारों से हमला किया गया था. इसमें कृष्णानंद सहित कुल 7 लोगों की मौत हो गई थी.
कौन थे कृष्णानंद राय?
कृष्णानंद राय मुहम्मदाबाद तहसील के गोडउर गांव के मूल निवासी थे. शुरुआती दौर में उनकी शिक्षा दीक्षा गांव में ही हुई. उसके बाद उनके भाई श्याम नारायण राय वाराणसी शिफ्ट हो गए. वह अपने साथ कृष्णानंद राय को भी वाराणसी ले गए. जहां उन्होंने वाराणसी के सेंट्रल हिन्दू स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई की. उसके बाद बीएससी करने के लिए बीएचयू में दाखिला लिया.
कृष्णानंद राय का राजनीतिक सफर
कृष्णानंद राय 1996 में अपना राजनीतिक सफर शुरू किया. उन्हें मुहम्मदाबाद सीट पर 1996 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपना उम्मीदवार बनाया. इस चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. 2002 के विधानसभा चुनाव में कृष्णानंद राय मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी को हराकर चुनाव जीतने में कामयाब हुए थे. बताया जाता है कि यही सियासी हार, मुख्तार अंसारी से कृष्णानंद राय के अदावत की वजह बन गई.