Ayodhya: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Modi) शनिवार को अयोध्या जाने वाले हैं. इस यात्रा के दौरान वह कुल 15,700 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. इस दौरान पीएम मोदी 6 वंदे भारत और 2 अमृत भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे. इससे पहले वह पुनर्विकसित अयोध्या धाम जंक्शन रेलवे स्टेशन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. 30 दिसंबर 2023 की तारीख अयोध्या के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित होगी और भगवान श्री राम की नगरी में विकास का एक नया युग शुरू होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुनर्विकसित अयोध्या धाम जंक्शन रेलवे स्टेशन राष्ट्र को समर्पित करेंगे. प्रधानमंत्री 6 नई वंदे भारत ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाएंगे. इनमें श्री माता वैष्णो देवी कटरा-नई दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस; अमृतसर-दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस; कोयंबटूर-बैंगलोर वंदे भारत एक्सप्रेस; मैंगलोर-मडगांव वंदे भारत एक्सप्रेस; जालना-मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस और अयोध्या-आनंद विहार टर्मिनल वंदे भारत एक्सप्रेस.
दो अमृत भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई जाएगी – दरभंगा-अयोध्या-आनंद विहार टर्मिनल अमृत भारत एक्सप्रेस और मालदा टाउन-सर एम. विश्वेश्वरैया टर्मिनस (बेंगलुरु) अमृत भारत एक्सप्रेस. इसके साथ ही अन्य प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा.
इस बीच अयोध्या राम मंदिर के भव्य अभिषेक समारोह के लिए तैयारी कर रही है. मंदिर के अधिकारियों के अनुसार, अभिषेक समारोह 16 जनवरी से शुरू होकर सात दिनों की अवधि में आयोजित किया जाएगा.
16 जनवरी को मंदिर ट्रस्ट द्वारा नियुक्त यजमान श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र प्रायश्चित समारोह का संचालन करेंगे. सरयू नदी के तट पर ‘दशविध’ स्नान, विष्णु पूजा और गायों को प्रसाद दिया जाएगा.
इसके बाद 17 जनवरी को भगवान राम की बाल स्वरूप (राम लला) की मूर्ति लेकर एक जुलूस अयोध्या पहुंचेगा. मंगल कलश में सरयू जल लेकर श्रद्धालु राम जन्मभूमि मंदिर पहुंचेंगे. 18 जनवरी को गणेश अंबिका पूजा, वरुण पूजा, मातृका पूजा, ब्राह्मण वरण और वास्तु पूजा के साथ औपचारिक अनुष्ठान शुरू होंगे. 19 जनवरी को, पवित्र अग्नि जलाई जाएगी, इसके बाद ‘नवग्रह’ की स्थापना और ‘हवन’ (आग के चारों ओर पवित्र अनुष्ठान) किया जाएगा.
राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह को 20 जनवरी को सरयू जल से धोया जाएगा, जिसके बाद वास्तु शांति और ‘अन्नाधिवास’ अनुष्ठान होगा. 21 जनवरी को रामलला की मूर्ति को 125 कलशों से स्नान कराया जाएगा और अंत में उन्हें समाधि दी जाएगी. अंतिम दिन 22 जनवरी को सुबह की पूजा के बाद दोपहर में ‘मृगशिरा नक्षत्र’ में राम लला के विग्रह का अभिषेक किया जाएगा.