भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर कई अहम घोषणाएं की। आयोग ने साफ किया कि चुनाव पूरी तरह से संविधान के अनुसार और समय से पहले आयोजित किए जाएंगे।
बिहार चुनाव की तारीखें और तैयारी
सीईसी ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। चुनाव उससे पहले होंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव की प्रक्रिया में 243 विधानसभा क्षेत्रों, जिसमें 38 एससी और 2 एसटी सीटें शामिल हैं, पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी होगी।
वोटर सूची और डिजिटल प्लेटफॉर्म
आयोग ने बताया कि इस बार वोटर सूची में गहन पुनरीक्षण (SIR) किया गया है। इसके साथ ही बिहार में वन स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म लागू किया जाएगा। 40 से ज्यादा ऐप और डिजिटल टूल्स को मिलाकर एक कम्प्यूटरीकृत प्रणाली तैयार की गई है, जिससे चुनाव में रियल-टाइम निगरानी हो सके।
पोलिंग बूथ और वेबकास्टिंग
सीईसी ने कहा कि पोलिंग बूथ पर अब 1200 से ज्यादा वोटर नहीं होंगे, ताकि भीड़ कम रहे और मतदान सुगमता से हो। इसके अलावा, 100% वेबकास्टिंग हर पोलिंग स्टेशन पर होगी, जिससे मतदान की हर गतिविधि की रियल-टाइम निगरानी रखी जा सके।
ईवीएम और प्रत्याशियों की रंगीन फोटो
गौरतलब है कि पहले बैलेट पेपर और ईवीएम में उम्मीदवारों की फोटो ब्लैक एंड वाइट होती थी। अब बिहार चुनाव से सभी उम्मीदवारों की फोटो रंगीन (कलरफुल) और सीरियल नंबर स्पष्ट होंगे, ताकि मतदाता आसानी से पहचान कर सकें।
डिजिटल इंडेक्स कार्ड और नई पहलें
चुनाव खत्म होने के कुछ ही दिन में सभी मतदाताओं को डिजिटल इंडेक्स कार्ड मिल जाएगा। बिहार में इस बार 17 नई पहलें शुरू की जा रही हैं, जिनमें मतदाता आईडी, बूथ लेवल अधिकारी की फोटो आईडी और अन्य सुविधा शामिल हैं।
प्रशिक्षण और पारदर्शिता
बूथ लेवल अधिकारियों और एजेंटों को पहली बार दिल्ली में विशेष प्रशिक्षण दिया गया। सीईसी ने कहा कि ये पहलें देश भर में एक मॉडल के तौर पर लागू की जाएंगी।
निष्पक्षता और सुरक्षा पर जोर
ज्ञानेश कुमार ने जोर देकर कहा कि चुनाव पूरी तरह निष्पक्ष, पारदर्शी और सुरक्षित होंगे। मतदाता सुविधा, सुरक्षा और निगरानी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।