Ajit Pawar Viral Video: महाराष्ट्र के सोलापुर ज़िले में इन दिनों एक वीडियो काफी चर्चा में है। यह वीडियो राज्य के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी अध्यक्ष अजित पवार और महिला आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा के बीच हुई बातचीत का है। दरअसल, अंजना कृष्णा हाल ही में महाराष्ट्र में तैनात हुई हैं और मूल रूप से केरल की रहने वाली हैं। वह सोलापुर के करमाला इलाके में अवैध मुरम (सड़क बनाने में इस्तेमाल होने वाली मिट्टी/पत्थर) के उत्खनन को रोकने पहुँची थीं। उसी दौरान एक एनसीपी कार्यकर्ता ने उन्हें फ़ोन पकड़ा दिया, जिसमें दूसरी तरफ़ खुद अजित पवार थे।
वीडियो में सुना गया कि अजित पवार ने अधिकारी से कहा – “मैं तेरे ऊपर एक्शन लूंगा… तेरा नंबर दो या व्हाट्सएप कॉल करो, मेरा चेहरा देखकर पहचान जाओगे।” इसके बाद उन्होंने वीडियो कॉल किया और कथित तौर पर कार्रवाई रोकने को कहा। इस तरह की बातें सामने आने के बाद विपक्ष ने उन पर आरोप लगाया कि वह पुलिस अधिकारी को धमका रहे हैं और अपनी ही पार्टी के लोगों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने तीखा हमला करते हुए कहा कि अजित पवार ने एक आईपीएस अधिकारी को धमकाया, जबकि वह खुद अनुशासन की बातें करते रहते हैं। उन्होंने सवाल किया कि जब मुरम का अवैध उत्खनन राज्य को नुकसान पहुँचा रहा है, तो वित्त मंत्री होकर भी पवार ऐसे लोगों का पक्ष क्यों ले रहे हैं।
विवाद बढ़ने पर अजित पवार को सफाई देनी पड़ी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर लिखा कि उनका इरादा कभी भी कानून-व्यवस्था में दखल देने का नहीं था। वह सिर्फ यह चाहते थे कि ज़मीनी स्तर पर माहौल बिगड़े नहीं और स्थिति शांत बनी रहे। पवार ने यह भी कहा कि उन्हें पुलिस बल और अधिकारियों पर गर्व है और वह हमेशा कानून के शासन को सर्वोपरि मानते हैं। उन्होंने वादा किया कि रेत खनन समेत हर अवैध काम पर सख्ती से कार्रवाई होगी।
एनसीपी सांसद सुनील तटकरे ने भी पवार का बचाव करते हुए कहा कि शायद उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को शांत कराने के लिए अधिकारी से सख्ती से बात की हो, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उन्होंने कार्रवाई रोकने का आदेश दिया।
अजित पवार को अपने भतीजे और विधायक रोहित पवार का भी समर्थन मिला। रोहित पवार ने कहा कि अजित पवार का स्वभाव और बात करने का तरीका सीधा-सपाट है, जिसे कई बार लोग गलत समझ लेते हैं। उन्होंने माना कि अधिकारी की भी कोई गलती नहीं थी। लेकिन चेतावनी भी दी कि अजित पवार के अपने ही सहयोगी इस मामले को और बड़ा बना सकते हैं।
रोहित पवार ने कहा कि राज्य में किसानों की कर्ज़माफी और प्राकृतिक आपदा जैसे गंभीर मुद्दे हैं, लेकिन लोगों का ध्यान इस विवाद में उलझ गया है। उन्होंने सलाह दी कि अजित पवार को सावधान रहना चाहिए ताकि उनके ही साथी उन्हें राजनीतिक जाल में न फँसाएँ।
कुल मिलाकर, यह मामला एक साधारण बातचीत से शुरू होकर राजनीतिक विवाद का रूप ले चुका है। अजित पवार सफाई दे रहे हैं कि उन्होंने सिर्फ माहौल शांत रखने की कोशिश की थी, जबकि विपक्ष इसे पुलिस अधिकारी को धमकाने और अवैध उत्खनन करने वालों को बचाने की साज़िश बता रहा है।