कर्नाटक के मैसूरु में पुलिस ने एक चौंकाने वाला मामला उजागर किया है. यहां एक सेक्स रैकेट का संचालन हो रहा था, जिसमें नाबालिग लड़कियों को वर्जिन बताकर धंधे में धकेला जा रहा था. पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी ग्राहक से 20 लाख रुपये नकद वसूलते थे, बदले में नाबालिग लड़कियों के साथ संबंध बनाने की व्यवस्था की जाती थी.
इस घिनौने धंधे का पर्दाफाश तब हुआ जब बेंगलुरु की रहने वाली शॉभा और उसके साथी तुलसी कुमार को पुलिस ने एनजीओ ओडनाडी सेवा संस्थे की मदद से एक डिकॉय ऑपरेशन के जरिए पकड़ लिया. पुलिस का कहना है कि इस रैकेट के पीछे एक अंधविश्वास काम कर रहा था—लोग मानते हैं कि कुंवारी लड़कियों के साथ संबंध बनाने से मानसिक बीमारियां ठीक हो जाती हैं. इसी मान्यता ने इस घिनौने कारोबार के लिए बाजार तैयार कर दिया था.
कैसे हुआ खुलासा?
एनजीओ ओडनाडी को जानकारी मिली थी कि शॉभा ऐसे ‘ग्राहकों’ की तलाश में है जो इस अंधविश्वास पर विश्वास करते हैं. जांच के दौरान एनजीओ ने पाया कि एक 12-13 साल की बच्ची का वीडियो व्हाट्सऐप पर ग्राहकों को दिखाया जा रहा है. इसके बाद एनजीओ ने तुरंत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को अलर्ट किया और जाल बिछाया गया.
NGO कर्मचारी बने ‘ग्राहक’, ऐसे फंसी शॉभा
एनजीओ का एक कर्मचारी ग्राहक बनकर शॉभा के संपर्क में आया और उससे कहा कि वह नाबालिग को मैसूरु लेकर आए. शॉभा तुरंत राजी हो गई और तय समय पर शनिवार दोपहर 2 बजे बच्ची के साथ पहुंच गई. इस दौरान उसके साथ उसका एक पुरुष साथी भी था, जो दूर से सब पर नजर रखे हुए था.
विजयनगर पुलिस और ओडनाडी के संस्थापक के.वी. स्टैनली और एम.एल. परशुरामा ने सरकारी बालिका गृह के पास घेराबंदी कर ली. जैसे ही बातचीत शुरू हुई, पुलिस ने इलाके को चारों तरफ से घेर लिया.
बदलती रही बच्ची की पहचान
पुलिस के मुताबिक, शॉभा बार-बार बच्ची की पहचान बदलती रही. पहले उसने कहा कि बच्ची उसकी बेटी है, फिर भतीजी और बाद में दत्तक पुत्री. लेकिन दबाव में आने के बाद उसने इस सेक्स रैकेट में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली. वहीं, उसके साथ मौजूद शख्स ने खुद को उसका पति तुलसी कुमार बताया.
बच्ची सुरक्षित, आरोपी जेल में
पुलिस ने तुरंत बच्ची को सुरक्षित संरक्षण में लिया और बाद में उसे एक बालिका गृह में भेज दिया. बच्ची कक्षा 6 की छात्रा है. वहीं, शॉभा और तुलसी कुमार को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया, जहां से दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. विजयनगर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और अब यह जांच की जा रही है कि आरोपी के पास बच्ची कैसे पहुंची और इस रैकेट में और कौन-कौन शामिल है.