पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते और जेडी(एस) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना इन दिनों परप्पना अग्रहारा जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। बलात्कार के गंभीर मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद अब उन्हें जेल में काम भी सौंपा गया है। रेवन्ना को जेल प्रशासन ने लाइब्रेरी क्लर्क बनाया है, जहां उन्हें हर दिन 522 रुपये की दिहाड़ी मिलेगी।
जेल अधिकारियों ने बताया कि उनकी जिम्मेदारी होगी कि वह अन्य कैदियों को किताबें जारी करें और वापस ली गई किताबों का रिकॉर्ड संभालें। जेल के नियमों के अनुसार, जो भी कैदी उम्रकैद की सजा काट रहा हो, उसे किसी न किसी प्रकार का काम करना पड़ता है। काम कैदी के कौशल और उसकी इच्छा के हिसाब से दिया जाता है।
शुरुआत में रेवन्ना ने प्रशासनिक काम करने की इच्छा जताई थी, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें पुस्तकालय में काम करने का काम सौंपा। उन्होंने अपना पहला दिन का काम पूरा भी कर लिया है। सामान्यत: कैदियों को हफ़्ते में तीन दिन यानी महीने में लगभग 12 दिन काम करना पड़ता है।
रेवन्ना का अपराध और सजा
पिछले महीने मैसूर की एक अदालत ने उन्हें एक 47 वर्षीय घरेलू कामगार के साथ बलात्कार करने और उसका वीडियो बनाने का दोषी पाया। अदालत ने उन्हें आजीवन कारावास और 11 लाख रुपये जुर्माना सुनाया।
यह मामला उस समय सामने आया जब पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले एक पेन ड्राइव में रेवन्ना के कथित आपत्तिजनक वीडियो लीक हो गए। वह उस समय हासन सीट से एनडीए के उम्मीदवार थे, जिन्हें भाजपा और जेडी(एस) ने मिलकर चुनाव में उतारा था।
रेवन्ना ने आरोपों को नकारते हुए कहा था कि वीडियो से छेड़छाड़ की गई है और उन्होंने इसकी शिकायत भी दर्ज कराई थी। लेकिन जांच के दौरान उनके खिलाफ कई पुख्ता सबूत मिले।
अदालत में सबूत
मुकदमा 31 दिसंबर 2024 को शुरू हुआ। सात महीने चले ट्रायल में अदालत ने 23 गवाहों के बयान सुने और फॉरेंसिक रिपोर्ट की जांच की।
पीड़िता ने वह साड़ी भी अदालत को सौंपी, जिस पर फॉरेंसिक जांच में शुक्राणु के निशान मिले।
सीआईडी की विशेष जांच टीम ने 123 सबूत इकट्ठे किए और लगभग 2,000 पन्नों का चार्जशीट पेश किया।
इन सभी सबूतों के आधार पर अदालत ने रेवन्ना को IPC की कई धाराओं के तहत दोषी ठहराया।